किसी शरारती तत्व ने एक नीले रंग की कार में बच्ची का अपहरण कर ले जाने की झूठी सूचना दे दी। पुलिस अलर्ट हुई और घेराबंदी कर कार को पकड़ा तो यह झूठी कहानी निकली। कार रोकने पर पता चला कि पन्ना के कुछ लोग अपनी बच्ची का पैर फ्रेक्चर हाेने पर प्लास्टर चढ़वा कर ले जा रहे थे। पुलिस ने सभी परिजनों व बच्ची के बयान लेने के बाद उन्हें जाने दिया।
शुक्रवार को पुलिस कंट्रोल रूम को किसी शरारती तत्व ने फोन पर सूचना दी कि छतरपुर से एक नीले रंग की कार में एक लड़की का अपहरण कर उसे पन्ना की ओर ले जाया जा रहा है। कंट्रोल रूम से तत्काल यह खबर आस-पास के थानों को देकर नाकाबंदी के निर्देश दिए। बमीठा थाने की पुलिस भी अलर्ट हो गई।
बमीठा थाना प्रभारी जसवंत सिंह ने देवगांव के पास नाकेबंदी कर ली। इसी दौरान नीले रंग की ऑल्टो कार एमपी 35 सीए 2845 निकली। उसे तत्काल रोक लिया गया। कार रुकते ही देखा तो कार की डिग्गी खुली हुई थी और उसमें एक बच्ची गद्दे पर लेटी थी, जिसके पैर में प्लास्टर चढ़ा हुआ था। परिजनों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह पन्ना के मदर टेकरी के निवासी हैं। बच्ची आफरीन बानो 8 वर्ष का पैर टूट गया था।
छतरपुर में डॉक्टर खरे के अस्पताल में इलाज कराने और प्लास्टर चढ़वाने के बाद उसे वे वापस अपने घर ले जा रहे थे। उन्होंने अस्पताल के पर्चें, दस्तावेज भी दिखाए। पुलिस ने सभी परिजनों और बच्ची के बयान दर्ज किए और उन्हें जाने दिया।